अब ख़ुदा से हमारे  संभलने की दुआ माँगो।।ग़ज़ल

221. 1222  221. 1222

थोड़ा सा दिल के संभलने की दुआ माँगो
महबूबा के हाथों में अब सजी हिना माँगो

मुक़द्दर  से  मिला है ,वो  उनका  हाथो में हाथ
ख़ुदा से मिलने का जन्मो जन्म का साथ माँगो

वो  उनका  उड़ता  दुपट्टा , हवा  में लहराए
साजन को तड़पाये,अब जीने की दुआ माँगो

तग़ाफ़ुल नही किसी से,खुद से वास्ता रहा
क़लबो में अपने सदा,ख़ुदा से  दुआ माँगो

ख्यालों  ख़्वाबो  में  तुम  मिलने  आना
चाँद तारो से सदा मिलने का पता माँगो

मुश्किल में तो बहुत  हूँ ,जरा  ध्यान  देना
दिल के पिघलने का उनसे अब पता माँगो

बेज़ुबान इश्क़ में हम यूँ हद से गुज़र रहे
लब हो गए पत्थर के जब उस ने कहा माँगो

इक हवा  का झोख़ा भी आया  ज़िन्दगी में
अब ख़ुदा से हमारे  संभलने की दुआ माँगो

-आकिब जावेद

एक टिप्पणी भेजें

6 टिप्पणियाँ

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 21 अप्रैल 2018 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बहुत आभार आदरणीया जी💐💐💐💐

    जवाब देंहटाएं
  3. प्रिय अकीब जी -- पांच लिंकों के माध्यम से आपके ब्लॉग पर आना हुआ और आपकी सुंदर रचना पढ़ी | सारी रचना अच्छी है पार ये पंक्तियाँ मुझे विशेष रूप से अच्छी लगी | ब्लॉग पर आपका आत्म कथ्य प्रेरक है |आभार --

    जवाब देंहटाएं
  4. ये तो हमारी खुशकिस्मती है आ. रेनू जी जो आपको हमारी रचना पसंद आयी।हम ह्र्दयतल से आपका आभार व्यक्त करते है एवं आपको आश्वस्त करते है आपको इसी तरह अच्छी रचनाये उपलब्ध करवाए।आपसे विन्रम अनुरोध है कि मेरे ब्लॉग को शेयर करे एवं रचनाओं को अपने सखी दोस्तों से शेयर करे।धन्यवाद💐💐💐💐

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह....
    बेहतरीन अश़आर..
    मुक़द्दर से मिला है ,वो उनका हाथो में हाथ
    ख़ुदा से मिलने का जन्मो जन्म का साथ माँगो
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. ये तो हमारी खुशकिस्मती है आ. यशोदा अग्रवाल जी जो आपको हमारी रचना पसंद आयी।हम ह्र्दयतल से आपका आभार व्यक्त करते है एवं आपको आश्वस्त करते है आपको इसी तरह अच्छी रचनाये उपलब्ध करवाए।आपसे विन्रम अनुरोध है कि मेरे ब्लॉग को शेयर करे एवं रचनाओं को अपने सखी दोस्तों से शेयर करे।धन्यवाद💐💐

    जवाब देंहटाएं

Thanks For Visit My Blog.